Sunday, 10 September 2017

Tinospora cordifilia....Giloe...

TINOSPORA



गिलोय के पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। गिलोय इतनी गुणकारी है कि इसका नाम अमृता रखा गया है। इसकी पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस और तने में स्टार्च पाया जाता है। यह वात, कफ और पित्तनाशक होती है। गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। साथ ही इसमें एंटीबायोटिक और एंटीवायरल तत् भी होते है।

गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर में खून की कमी को दूर करता है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी या शहद मिलाकर सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।

गिलोय का सेवन पीलिया रोग में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय का एक चम्मच चूर्ण, काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में लाभ होता है। या गिलोय के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। एक चम्मच रस को एक गिलास मट्ठे में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।

अगर आपके पैरों में जलन होती है और बहुत उपाय करने के बाद भी आपको कोई फायदा नहीं हो रहा है तो आप गिलोय का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए गिलोय के रस को नीम के पत्ते एवं आंवला के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। प्रतिदिन 2 से 3 बार इस काढ़े का सेवन करें इससे हाथ पैरों और शरीर की जलन दूर हो जाती है।

गिलोय के पत्तों के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है। साथ ही गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके दोनों कानों में दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है।

गर्मियों में कई लोगों को उल्टी की समस्या होती हैं। ऐसे लोगों के लिए भी गिलोय बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय के रस में मिश्री या शहद मिलाकर दिन में दो बार पीने से गर्मी के कारण से रही उल्टी रूक जाती है।

खुजली अक्सर रक्त विकार के कारण होती है। गिलोय के रस पीने से रक्त विकार दूर होकर खुजली से छुटकारा मिलता है। इसके लिए गिलोय के पत्तों को हल्दी के साथ पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाइए या सुबह-शाम गिलोय का रस शहद के साथ मिलाकर पीएं।

गिलोय का रस आंवले के रस के साथ मिलाकर लेना आंखों के रोगों के लिए लाभकारी होता है। इसके सेवन से आंखों के रोगों तो दूर होते ही है, साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती हैं। इसके लिए गिलोय के रस में त्रिफला को मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में पीपल का चूर्ण और शहद मिलकर सुबह-शाम सेवन करें।

गिलोय एक रसायन है जो रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोग नाशक ,शोधनाशक और लीवर टोनिक भी है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर लेने से बार-बार होने वाला बुखार ठीक हो जाता है। या गिलोय के रस में पीपल का चूर्ण और शहद को मिलाकर लेने से तेज बुखार तथा खांसी ठीक हो जाती है।

गिलोय मोटापा कम करने में भी मदद करता है। मोटापा कम करने के लिए गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ लें। या गिलोय, हरड़, बहेड़ा, और आंवला मिला कर काढ़ा बनाकर इसमें शिलाजीत मिलाकर पकाएं और सेवन करें। इस का नियमित सेवन से मोटापा रुक जाता है।

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