Thursday, 5 June 2025

Probiotics and prebiotics



 


Probiotics and prebiotics are two parts of food that may support gut health.

Probiotics are specific living microorganisms, most often bacteria or yeast that help the body digest food or help with symptoms of certain illnesses. Probiotics are naturally found in fermented foods such as yogurt and sauerkraut.

Prebiotics are parts of food the body doesn't digest but that may be used by microorganisms. Prebiotics may trigger the growth of the "good" germs in the gut. Prebiotics mainly are in high-fiber foods.

Probiotics and prebiotics also are added to some foods and come in the form of dietary supplements.

When mixed, probiotics and prebiotics are called  synbiotics .

Research has shown promise that probiotics and prebiotics may be helpful. But it hasn't yet proved that probiotics and prebiotics improve health and are safe for everyone.

Wednesday, 28 May 2025

LIST OF INDIAN SPICES & HERBS....

 LIST OF INDIAN Spices & HERBS....




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Wednesday, 23 April 2025

AJWAIN AYURVEDIC MEDICINE & SPICES

AJWAIN  AYURVEDIC  MEDICINE & SPICES 



 

Ajwain, also known as Caron seeds is a spice that is commonly used in Indian cooking and traditional medicine. It has a strong, pungent taste with a hint of bitterness due to its high content of thymol, a compound known for its antibacterial and digestive properties. Ajwain is packed with health benefits and to maximise these benefits, it can be consumed in various ways. You can chew on raw seeds, consume overnight soaked in water, drink ajwain tea or add them to your dishes. Keep reading as we share a list of ways in which adding ajwain to your diet can help boost your health.

 

 

अजवाइन एक प्रमुख मसाला और औषधीय पौधा है, जिसका वैज्ञानिक नामट्राकिस्पर्मम अम्मी” (Trachyspermum Ammi) है। इसका उपयोग विशेष रूप से भारतीय रसोई में मसालों के रूप में किया जाता है। इसके बीज छोटे और भूरे होते हैं, जिनमें तेज़ और तीखा स्वाद होता है। अजवाइन केवल भोजन का स्वाद बढ़ाती है बल्कि इसका आयुर्वेदिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। इसमें मौजूद थाइमोल (Thymol) तत्व इसके औषधीय गुणों का प्रमुख स्रोत है, जो पाचन शक्ति बढ़ाने, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक  

अजवाइन का इस्तेमाल भारतीय व्यंजनों में मसाले के रूप में होता है, जैसे परांठे, पूड़ी, दाल आदि में। इसके अलावा, इसका काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी-खांसी, कफ और जुकाम जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है। अजवाइन का तेल भी कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए उपयोगी होता है, विशेषकर दांतों और मसूड़ों के दर्द में। आयुर्वेद में अजवाइन का विशेष महत्व है, और इसे कई औषधीय तैयारियों में शामिल किया जाता है। इसके उपयोग से शरीर में रक्तसंचार भी बेहतर होता है, जिससे शरीर में ताजगी और ऊर्जा का संचार होता है।

1.           अजवाइन से पाचन सुधार

2.           गैस और अपच से राहत

3.           सर्दी-खांसी में लाभकारी

4.           दर्द निवारक

5.           वजन घटाने में सहायक

6.           मधुमेह नियंत्रण

7.           संक्रमण से बचाव

8.           पेट दर्द में आराम 

अजवाइन संक्रमण से बचाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, इसके एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटिफंगल गुणों के कारण। इसमें मौजूद थाइमोल और अन्य सक्रिय यौगिक प्राकृतिक रूप से बैक्टीरिया, वायरस और फंगस को मारने की क्षमता रखते हैं, जो शरीर को विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से बचाने में सहायक होते हैं।

अजवाइन के बीज और उसका तेल संक्रमण से बचाव के लिए प्रभावी उपाय हैं। अजवाइन का तेल त्वचा पर लगाने से बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण से राहत मिलती है। यह तेल घावों, कटों या सूजन वाली त्वचा पर लगाकर रोगाणुओं को समाप्त करता है और संक्रमण के जोखिम को कम करता है। इसके एंटीसेप्टिक गुण घावों को जल्दी ठीक करने और संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद करते हैं।

अजवाइन का काढ़ा भी संक्रमण से लड़ने में उपयोगी होता है। इसे तैयार करने के लिए, एक कप पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर उबालें और छान लें। यह काढ़ा शरीर को अंदर से साफ करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, जिससे वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।

 

अजवाइन के इस्तेमाल कैसे करें

अजवाइन एक ऐसा मसाला है जिसे विभिन्न तरीकों से उपयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग केवल खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण कई बीमारियों को ठीक करने में भी किया जाता है।

1.   खाने में मसाले के रूप में:
अजवाइन को रसोई में मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे विभिन्न व्यंजनों में डाला जा सकता है, जैसे कि परांठे, पूड़ी, दाल, सब्ज़ी आदि। अजवाइन का तड़का लगाने से भोजन में एक विशेष स्वाद और सुगंध जाती है, जो पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी होती है। इसके अलावा, अजवाइन का उपयोग अचार बनाने में भी किया जाता है।

2.   अजवाइन का पानी:
अजवाइन का पानी तैयार करना बहुत आसान है और इसे स्वास्थ्य लाभ के लिए उपयोग किया जा सकता है। एक चम्मच अजवाइन को रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और वजन कम करने में भी मदद मिलती है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो गैस, एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।

3.   अजवाइन का काढ़ा:
सर्दी, खांसी और जुकाम से राहत पाने के लिए अजवाइन का काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है। इसे बनाने के लिए एक चम्मच अजवाइन को पानी में उबाल लें और इसमें शहद मिलाकर पी लें। यह काढ़ा गले की खराश और कफ को कम करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

4.    अजवाइन का तेल:
अजवाइन का तेल भी विभिन्न प्रकार के दर्द, जैसे कि दांत और मांसपेशियों के दर्द में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे प्रभावित क्षेत्र पर मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा, इसे सूंघने से नाक की बंदिश खुलती है और सांस लेने में आसानी होती है।

5.    अजवाइन और गुड़ का मिश्रण:
गैस और पेट दर्द की समस्या होने पर अजवाइन को गुड़ के साथ मिलाकर खाने से तुरंत आराम मिलता है। यह मिश्रण पाचन में सुधार करता है और पेट की सूजन को कम करता है।

6.    अजवाइन का चूर्ण:
पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए अजवाइन का चूर्ण तैयार किया जा सकता है। अजवाइन, जीरा और काला नमक को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। इस चूर्ण का सेवन खाने के बाद करने से अपच, गैस और पेट की अन्य समस्याओं से राहत मिलती है।

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