Tuesday, 16 August 2022

Corruption control

Corruption Control

 Control on corruption is very big task. Every one is looking for best future.

How many times we think for best society or for best future of our country.




1. We will have to plan for best corruption free India: any one will be selected for any job only on basis of Merit only , no recommendation , no caste , no reservation, no politics.

once we start selection on merit basis only.... 50 % problem will be solved.

Any one if found guilty is selection of candidate for any post will be terminated for ever from job.

Accountability will be fixed for final selection of candidate on basis of test paper only.

2. Start one Information center for common  people : 

anyone can give information about corrupt officers / about bribery/ crime/etc.

A central govt. body will check and take action on information. 

Give rewards to person for giving information.

3. A very strong vigilance team is required for corruption free india.


Friends you can add your views for better india.

: abhay

email : bioworldhc@gmail.com

Monday, 8 August 2022

चिरचिटा या अपामार्ग (Chaff Tree) Ayurved : Unique information

चिरचिटा या अपामार्ग (Chaff Tree) पेट की लटकती चर्बी, 
सड़े हुए दाँत, गठिया, आस्थमा, बवासीर, 
मोटापा, गंजापन, किडनी आदि 
20 रोगों के लिए किसी वरदान से कम नही




आज हम आपको ऐसे पौधे के बारे में बताएँगे जिसका तना, पत्ती, बीज, फूल, और जड़ पौधे का हर हिस्सा औषधि है, इस पौधे को अपामार्ग या चिरचिटा (Chaff Tree), लटजीरा कहते है। अपामार्ग या चिरचिटा (Chaff Tree) का पौधा भारत के सभी सूखे क्षेत्रों में उत्पन्न होता है यह गांवों में अधिक मिलता है खेतों के आसपास घास के साथ आमतौर पाया जाता है इसे बोलचाल की भाषा में आंधीझाड़ा या चिरचिटा (Chaff Tree) भी कहते हैं-अपामार्ग की ऊंचाई लगभग 60 से 120 सेमी होती है आमतौर पर लाल और सफेद दो प्रकार के अपामार्ग देखने को मिलते हैं-सफेद अपामार्ग के डंठल व पत्ते हरे रंग के, भूरे और सफेद रंग के दाग युक्त होते हैं इसके अलावा फल चपटे होते हैं जबकि लाल अपामार्ग (RedChaff Tree) का डंठल लाल रंग का और पत्तों पर लाल-लाल रंग के दाग होते हैं।

इस पर बीज नुकीले कांटे के समान लगते है इसके फल चपटे और कुछ गोल होते हैं दोनों प्रकार के अपामार्ग के गुणों में समानता होती है फिर भी सफेद अपामार्ग(White chaff tree) श्रेष्ठ माना जाता है इनके पत्ते गोलाई लिए हुए 1 से 5 इंच लंबे होते हैं चौड़ाई आधे इंच से ढाई इंच तक होती है- पुष्प मंजरी की लंबाई लगभग एक फुट होती है, जिस पर फूल लगते हैं, फल शीतकाल में लगते हैं और गर्मी में पककर सूख जाते हैं इनमें से चावल के दानों के समान बीज निकलते हैं इसका पौधा वर्षा ऋतु में पैदा होकर गर्मी में सूख जाता है।

 

अपामार्ग तीखा, कडुवा तथा प्रकृति में गर्म होता है। यह पाचनशक्तिवर्द्धक, दस्तावर (दस्त लाने वाला), रुचिकारक, दर्द-निवारक, विष, कृमि व पथरी नाशक, रक्तशोधक (खून को साफ करने वाला), बुखारनाशक, श्वास रोग नाशक, भूख को नियंत्रित करने वाला होता है तथा सुखपूर्वक प्रसव हेतु एवं गर्भधारण में उपयोगी है।

चिरचिटा या अपामार्ग (Chaff Tree) के 20 अद्भुत फ़ायदे :

1. गठिया रोग : अपामार्ग (चिचड़ा) के पत्ते को पीसकर, गर्म करके गठिया में बांधने से दर्द व सूजन दूर होती है।

2. पित्त की पथरी : पित्त की पथरी में चिरचिटा की जड़ आधा से 10 ग्राम कालीमिर्च के साथ या जड़ का काढ़ा कालीमिर्च के साथ 15 ग्राम से 50 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाने से पूरा लाभ होता है। काढ़ा अगर गर्म-गर्म ही खायें तो लाभ होगा। 

3. यकृत का बढ़ना : अपामार्ग का क्षार मठ्ठे के साथ एक चुटकी की मात्रा से बच्चे को देने से बच्चे की यकृत रोग के मिट जाते हैं।

4. लकवा : एक ग्राम कालीमिर्च के साथ चिरचिटा की जड़ को दूध में पीसकर नाक में टपकाने से लकवा या पक्षाघात ठीक हो जाता है। 

5. पेट का बढ़ा होना या लटकना :

चिरचिटा (अपामार्ग) की जड़ 5 ग्राम से लेकर 10 ग्राम या जड़ का काढ़ा 15 ग्राम से 50 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम कालीमिर्च के साथ खाना खाने से पहले पीने से आमाशय का ढीलापन में कमी आकर पेट का आकार कम हो जाता है।

6. बवासीर : अपामार्ग की 6 पत्तियां, कालीमिर्च 5 पीस को जल के साथ पीस छानकर सुबह-शाम सेवन करने से बवासीर में लाभ हो जाता है और उसमें बहने वाला रक्त रुक जाता है। खूनी बवासीर पर अपामार्ग की 10 से 20 ग्राम जड़ को चावल के पानी के साथ पीस-छानकर 2 चम्मच शहद मिलाकर पिलाना गुणकारी हैं।

7. मोटापा : अधिक भोजन करने के कारण जिनका वजन बढ़ रहा हो, उन्हें भूख कम करने के लिए अपामार्ग के बीजों को चावलों के समान भात या खीर बनाकर नियमित सेवन करना चाहिए। इसके प्रयोग से शरीर की चर्बी धीरे-धीरे घटने भी लगेगी।

8. कमजोरी : अपामार्ग के बीजों को भूनकर इसमें बराबर की मात्रा में मिश्री मिलाकर पीस लें। 1 कप दूध के साथ 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करने से शरीर में पुष्टता आती है।

9. सिर में दर्द : अपामार्ग की जड़ को पानी में घिसकर बनाए लेप को मस्तक पर लगाने से सिर दर्द दूर होता है।

10. संतान प्राप्ति : अपामार्ग की जड़ के चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ मासिक-स्राव के बाद नियमित रूप से 21 दिन तक सेवन करने से गर्मधारण होता है। दूसरे प्रयोग के रूप में ताजे पत्तों के 2 चम्मच रस को 1 कप दूध के साथ मासिक-स्राव के बाद नियमित सेवन से भी गर्भ स्थिति की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

11. मलेरिया : अपामार्ग के पत्ते और कालीमिर्च बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें, फिर इसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर मटर के दानों के बराबर की गोलियां तैयार कर लें। जब मलेरिया फैल रहा हो, उन दिनों एक-एक गोली सुबह-शाम भोजन के बाद नियमित रूप से सेवन करने से इस ज्वर का शरीर पर आक्रमण नहीं होगा। इन गोलियों का दो-चार दिन सेवन पर्याप्त होता है।

12. गंजापन : सरसों के तेल में अपामार्ग के पत्तों को जलाकर मसल लें और मलहम बना लें। इसे गंजे स्थानों पर नियमित रूप से लेप करते रहने से पुन: बाल उगने की संभावना होगी।

13. दांतों का दर्द और गुहा या खाँच (cavity) : इसके 2-3 पत्तों के रस में रूई का फोया बनाकर दांतों में लगाने से दांतों के दर्द में लाभ पहुंचता है तथा पुरानी से पुरानी गुहा या खाँच को भरने में मदद करता है।

14. खुजली : अपामार्ग के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फूल और फल) को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार करें और इससे स्नान करें। नियमित रूप से स्नान करते रहने से कुछ ही दिनों cavity में खुजली दूर जाएगी।

15. आधाशीशी या आधे सिर में दर्द : इसके बीजों के चूर्ण को सूंघने मात्र से ही आधाशीशी, मस्तक की जड़ता में आराम मिलता है। इस चूर्ण को सुंघाने से मस्तक के अंदर जमा हुआ कफ पतला होकर नाक के द्वारा निकल जाता है और वहां पर पैदा हुए कीड़े भी झड़ जाते हैं।

16. ब्रोंकाइटिस : जीर्ण कफ विकारों और वायु प्रणाली दोषों में अपामार्ग (चिरचिटा) की क्षार, पिप्पली, अतीस, कुपील, घी और शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से वायु प्रणाली शोथ (ब्रोंकाइटिस) में पूर्ण लाभ मिलता है।

17. खांसी : खांसी बार-बार परेशान करती हो, कफ निकलने में कष्ट हो, कफ गाढ़ा व लेसदार हो गया हो, इस अवस्था में या न्यूमोनिया की अवस्था में आधा ग्राम अपामार्ग क्षार व आधा ग्राम शर्करा दोनों को 30 मिलीलीटर गर्म पानी में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से 7 दिन में बहुत ही लाभ होता है।

18. गुर्दे का दर्द : अपामार्ग (चिरचिटा) की 5-10 ग्राम ताजी जड़ को पानी में घोलकर पिलाने से बड़ा लाभ होता है। यह औषधि मूत्राशय की पथरी को टुकड़े-टुकड़े करके निकाल देती है। गुर्दे के दर्द के लिए यह प्रधान औषधि है।

 19. गुर्दे के रोग : 5 ग्राम से 10 ग्राम चिरचिटा की जड़ का काढ़ा 1 से 50 ग्राम सुबह-शाम मुलेठी, गोखरू और पाठा के साथ खाने से गुर्दे की पथरी खत्म हो जाती है । या 2 ग्राम अपामार्ग (चिरचिटा) की जड़ को पानी के साथ पीस लें। इसे प्रतिदिन पानी के साथ सुबह-शाम पीने से पथरी रोग ठीक होता है।

20. दमा या अस्थमा : चिरचिटा की जड़ को किसी लकड़ी की सहायता से खोद लेना चाहिए। ध्यान रहे कि जड़ में लोहा नहीं छूना चाहिए। इसे सुखाकर पीस लेते हैं। यह चूर्ण लगभग एक ग्राम की मात्रा में लेकर शहद के साथ खाएं इससे श्वास रोग दूर हो जाता है।

अपामार्ग (चिरचिटा) का क्षार 0.24 ग्राम की मात्रा में पान में रखकर खाने अथवा 1 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने से छाती पर जमा कफ छूटकर श्वास रोग नष्ट हो जाता है।

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Friday, 25 March 2022

Women Health: SILAJIT / शिलाजीत,

 

Women Health: महिलाओं के लिए बीमारियों का काट है शिलाजीत,

 


शिलाजीत का उपयोग आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। यह एक सेफ सप्लीमेंट है, जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

शिलाजीत का नाम तो आपने सुना ही होगा। यह भारत और नेपाल के बीच हिमालय के पहाड़ों पर पाया जाने वाला एक काले भूरे रंग का चिपचिपा पदार्थ है। शिलाजीत सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में एंटी एजिंग यैगिक के रूप में जाना जाता रहा है। वैसे तो शिलाजित का इस्तेमाल पुरूष और महिलाएं दोनों कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए इसके फायदे ज्यादा है।

यह केवल गर्भाशय को मजबूत करता है, बल्कि अंडाशय के कार्यों में सुधार करने के साथ ही एंटी एजिंग एजेंट के रूप में कार्य करता है। हार्मोन को संतुलित करने के लिए ज्यादातर महिलाएं शिलाजित का इस्तेमाल करती हैं। इसमें मौजूद फुल्विक एसिड कई बीमारियों को दूर करने में कारगार है। तो आइए जानते हैं कि शिलाजित महिलाएं के स्वास्थ्य के लिहाज से कितना फायदेमंद है।

गठिया का खतरा कम करे

एनर्जी बूस्टर है शिलाजीत

तनाव कम करे :
शिलाजित मन को शांत और तनाव को दूर करने का बढिय़ा तरीका है। दिलचस्प बात है कि पुरूषों के मुकाबले यह महिलाओं के लिए राहत की दवा है। जिन महिलाओं को रात में नींद नहीं आती , उन्हें शिलाजीत का सेवन करना चाहिए। इससे केवल अच्छी नींद आती है, बल्कि याददाश्त में सुधार के साथ यह चिंता को कम करता है। इससे स्ट्रेस हार्मोन का उत्पादन रूक जाता है और हैप्पी हार्मोन्स बनना शुरू हो जाते हैं। इतना ही नहीं, यह औषधि मास्तिष्क को फ्री रेडिकल के नुकसान से बचाने के साथ ब्रेन और नर्व सेल्स को मजूबत करती है।

हड्डियों को स्ट्रांग बनाए

महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सुधार करे : मीनोपॉज के बाद जिन महिलाओं की हड्डियों में नाजुकता जाती है, उनके लिए शिलाजित एक बेहतरीन प्राकृतिक औषधि है। यह हड्डियों और मांसपेशियों के ऊतकों में मैग्नीशियम, कैल्शियम और फॉस्फेट जैसे मिनरल्स को बढ़ावा देता है। एक उम्र के बाद जब हड्डियों में कमजोरी आना शुरू हो जाए, तो इसके सेवन से कैल्शियम की आपूर्ति की जा सकती है। इसके अलावा यह हड्डियों के निर्माण के लिए जिम्मेदार एंजाइम और हार्मोन की क्रिया को बढ़ाता है।

महिलाओं में इंफर्टिलिटी की समस्या शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। खासतौर से जब महिलाओं में पीरियड्स इरैगुलर हो जाएं, तो इससे उनकी प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। ऐसे में मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने के लिए शिलाजीत बहुत फायदेमंद है।

कई बार अनियमित पीरियड्स के लिए असंतुलित हार्मोन्स भी जिम्मेदार होते हैं, जो ओव्यूलेशन को रोकते हैं। इससे महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कत आती है। जो महिलाएं वजन कम करना चाहती हैं, उनके लिए शिलाजीत बहुत फायदेमदं नुस्खा है।

हीमोग्लोबिन बढ़ाए : आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया मृत्यु दर में मुख्य कारक है। अनियमित मासिक धर्म से महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है , जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में शिलाजीत एक ऐसी औषधि है, जो एनीमिया से पीड़ित महिलाओं के स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करने में मददगार है

त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करे : अगर आप अपनी त्वचा को स्वस्थ रखने का तरीका तलाश रहे हैं, तो शिलाजीत आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, यह एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्त्रोत है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और फ्री रेडिकलस की खतरनाक क्रिया को रोकते हैं। बता दें कि ये फ्री रेडिकल्स स्किन प्रोटीन को नुकसान पहुंचाने और समय से पहले उम्रदराज दिखने का कारण हैं। खूबसूरत दिखने की चाह रखने वाली महिलाओं को शिलाजीत का उपयोग करना चाहिए।

 

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